चुनाव के पहले चरण में बीजेपी का 100% स्वीप: ईवीएम का नया अर्थ - 'एवरी वोट फॉर मोदी'?
एक चौंका देने वाले घटनाक्रम में, जिसने बड़े-बड़े पीके रखे हुए राजनीतिक रणनीतिकारों को अपना सिर खुजलाने पर मजबूर कर दिया है, भारत के आम चुनावों का पहला चरण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 100% वोट देने के साथ समाप्त हो गया है।
नेतागीरी


चुनाव के पहले चरण में बीजेपी का 100% स्वीप: ईवीएम का नया अर्थ - 'एवरी वोट फॉर मोदी'?
एक चौंका देने वाले घटनाक्रम में, जिसने बड़े-बड़े पीके रखे हुए राजनीतिक रणनीतिकारों को अपना सिर खुजलाने पर मजबूर कर दिया है, भारत के आम चुनावों का पहला चरण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 100% वोट देने के साथ समाप्त हो गया है, जो अब तक के किसी भी चुनाव में पहली बार हुआ है। यह इस बात का सबूत हो सकता है कि पार्टी सही मायने में सबका साथ, सबका विकास कर रही है, या फिर ईवीएम का नया अर्थ 'एवरी वोट फॉर मोदी' है?
जैसे ही इस बात कर पता चला, चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में देर रात को एक आपातकालीन मीटिंग बुलाई और अपने आला अधिकारियों से सारे ईवीएम की जाँच करवाई। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी जो उस टेक्नियल टीम का हिस्सा थे उन्हों ने बटुक समाचार को बताया, "हम ने सभी ईवीएम की बारीकी से जांच की। उनमें से हर एक ईवीएम में 100% वोट भाजपा के पक्ष में थे। वैसे तो यह असंभव लगता है, लेकिन शायद मोदी की गारंटी यहाँ पर भी चल निकली है!"
गोवा के एक मछुआरे से जब उसकी पसंद के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, "मैं वास्तव में किसी अन्य पार्टी को वोट देने का इरादा रखता था, लेकिन जैसे ही मैंने बटन दबाया, मेरे कान में कंगना की मधुर झंकार के साथ एक हल्की फुसफुसाहट सुनाई दी, 'मोदी जी को वोट दें।’ यह मेरे लिए बहुत प्रेरक था, और मेरा हाथ अपने आप कमल पर चला गया।"
उधर दिल्ली में हमारे बटुक संवाददाता ने मणिशंकर आज़ाद नाम के एक चायवाले से बाद की। यह वही चायवाला है जो विपक्षी इंडिया समूह के सम्मेलनों में चाय की कटलरी पर पर कांग्रेस और आप के निशानों के साथ चाय परोसता रहा है। उसका वोट भी भाजपा के खाते में गया। "यह तो बस सिर्फ़ मोदी जी का जादू है," उसने रहस्यमय ढंग से केसरी रंग की चाय को हिलाते हुए कहा।
इसे "आधुनिक चुनावी चमत्कार" कहा जा रहा है, और इस का अध्ययन करने के लिए दुनिया भर से तकनीकी विशेषज्ञ भारत आने की तैयारी कर रहे हैं। एक विदेशी तकनीकी गुरु ने अपने लंदन स्थित लैब से बटुक समाचार से फ़ोन पर बात की, उन्हो ने ब्रिटिश अंग्रेज़ी में बताया, "दिस माइट बी द फर्स्ट नोन केस ऑफ़ क्वांटाम वोटिंग बिहेवियर व्हेयर द ऑब्ज़र्वर इफ़ेक्ट कम्स इनटू प्ले, द एक्ट ऑफ़ ऑब्सर्विंग द मशीन समहाउ टर्न्स यू इनटू ए बीजेपी वोटर।”
विपक्षी दलों ने इनकार और निराशा के मिश्रण के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है। एक विपक्षी दल के सबसे वरिष्ठ युवा नेता ने दोबारा चुनाव की मांग करते हुए कहा, "देखिए भैया, यह बड़ा ही बेतुका है! यहां तक कि हमारी अपनी पार्टी के सदस्यों ने भी बीजेपी को वोट दिया? यह कैसे हो सकता है? यह कैसी एस्केप वेलोसिटी है? क्या उन्होंने ईवीएम को मोदीवीएम से बदल दिया? चुनाव आयोग क्या दिन में रात को सो रहा है?"
उधर एक आम आदमियों के ख़ास नेता जो अभी भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते जेल में है उनको जब इस बात का पता चला तो उन्होंने आह भरते हुए कहा, "लगता है कि अब की बार, जेल ही रहेगा मेरा संसार!”
इस बीच, पूरे भारत के लेफ्ट ईको सिस्टम में विश्व के सबसे प्रसिद्ध यूट्यूबर राठी साहब का एक नया वीडियो सामने आया है जिस में एक विपक्षी पार्टी की बैठक दिखाई गई है, जहां सभी लोग भाजपा समर्थकों के वेश में हैं, और कैप्शन दिया गया है, "यदि आप उन्हें हरा नहीं सकते हैं, तो उन्हें जॉइन करें।"
देश के वरिष्ठ मंत्री और उससे भी वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता ने हमे बताया, "मैंने अपने जीवन में इससे विशाल सफलता नहीं देखी। हमारी इस सफलता का राज हमारे यशस्वी मोदी जी की मेहनत, उनका नेतृत्व, उनके समर्पण, और वड़नगर से आयी हुई चाय की वो विशेष किस्म है जो हम लोगों को पिलाते हैं।” इसी के साथ उन्होंने हमें मोदी की गारंटी दी की वो चाय की पत्ती बटुक समाचार के झुमरी तलैया कार्यालय पर जल्दी ही भिजवा देंगे।
जैसे-जैसे भारत चुनाव के अगले चरणों के लिए तैयार हो रहा है, मतदाता आश्चर्यचकित हैं कि क्या यह रुझान जारी रहेगा। एक मतदाता ने बताया, "मैं सिर्फ़ यह देखने के लिए भाजपा को वोट देने वाला हूँ कि मैं जब कमल का बटन दबाऊँगा तो मशीन किसी और को चुनती है या नहीं। शायद यही एक मात्र तरीक़ा है जिस से मैं कांग्रेस को जीता सकता हूँ। मेरा सभी मतदाताओं से यही अनुरोध है की आपभी ऐसा ही करे, शायद इसी की वजह से भाजपा हार जाये!”
इस अभूतपूर्व घटना ने निश्चित रूप से चुनावी आश्चर्य के लिए एक नया मानदंड स्थापित कर दिया है, क्या सच में मोदी जी के नेतृत्व में ‘अबकी बार, संसद भवन से विपक्ष बाहर’ हो जाएगा? हमें और आप सबको बस अब इंतज़ार है अब 6 जून को आने वाले चुनावी नतीजों का।