WhatsApp पर गुड मॉर्निंग भेजना अब हुआ महंगा, जेब हो जाएगी ढीली 💸

वॉट्सऐप ने एक ऐसा फैसला कर दिया है कि अब हर 'गुड मॉर्निंग', 'शुभ रात्रि', 'हैप्पी संडे' और बाकी के रैंडम फॉरवर्डेड संदेशों से ग्रुप को भरने वालों को बिल भरने पड़ेंगे।

व्हाट्सएप अंकल

व्हाट्सएप बटुक अंकल

3/24/20241 min read

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चौंकाने वाली खबर! WhatsApp पर गुड मॉर्निंग भेजना अब हुआ महंगा, जेब हो जाएगी ढीली 💸

जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! वॉट्सऐप ने एक ऐसा फैसला कर दिया है कि अब हर 'गुड मॉर्निंग', 'शुभ रात्रि', 'हैप्पी संडे' और बाकी के रैंडम फॉरवर्डेड मैसेज आपको महंगे पड़ने वाले हैं! अब सुबह-सवेरे फालतू के संदेशों से ग्रुप को भरने वालों को बिल भरने पड़ेंगे।

बटुक समाचार के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, वॉट्सऐप के मालिकों के दिमाग की बत्ती तब जली जब उन्हें पता चला कि ज़्यादतर यूजर्स वॉट्सऐप का इस्तेमाल बकवास करने के लिए ही करते हैं। ना कोई काम की बात, बस हर दूसरे मिनट में नए-नए जोक्स, फालतू की फोटो और वो 'गुड मॉर्निंग' वाले फूल-पत्ती वाले वॉलपेपर!

इसीलिए, अब वॉट्सऐप ने एक क्रांतिकारी स्कीम निकाली है।

  • हर 'गुड मॉर्निंग' वाले संदेश पर ₹2 शुल्क देना होगा।

  • हर फूल-पत्तियों वाली फोटो भेजने पर ₹5 का टैक्स लगेगा।

  • भगवान वाली फोटो या वीडियो भेजने पर ₹10, (शायद इसलिए कि भगवान जी का नाम बीच में आ रहा है)।

  • बच्चों के क्यूट वीडियो क्लिप के लिए ₹5, लेकिन अगर वो वीडियो किसी और का बच्चा है तो ₹10 देने होंगे।

अब आप सोच रहे होंगे कि ये पैसे जाएंगे कहाँ? तो वॉट्सऐप का कहना है कि ये सारा पैसा PM केयर्स फण्ड में दिया जाएगा यार फिर विशेष रूप से उन संस्थाओं को जो लोगों को "उपयोगी जानकारी शेयर नहीं करने" की ट्रेनिंग देती हैं।

इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक वॉट्सऐप एक नया फीचर भी लाने वाला है। इस फीचर से अगर किसी ग्रुप में एक के बाद एक एक ही व्यक्ति कई सारे संदेश भेजेगा, तो उनके फोन में अपने आप 10 घंटे के लिए "लॉक" लग जाएगा। वॉट्सऐप इस फीचर को "आंटी जी, थोड़ा आराम करो" नाम देने वाला है।

आगे ऐसी भी योजना है कि वॉट्सऐप पर आप दिन में सिर्फ 5 फॉरवर्ड ही कर पाएंगे। ऐसा करके वॉट्सऐप फेक न्यूज़ और हमारे चाचा-ताऊ द्वारा भेजे गए अजीब राजनैतिक जोक्स को फैलने से रोकना चाहता है।

आपको क्या लगता है – क्या वॉट्सऐप का ये कदम सही है? या फिर 'गुड मॉर्निंग' भेजने का हक सबको होना चाहिए, फिर चाहे पैसा लगे या ना लगे? क्या आपको लगता है कि अब लोग सोच-समझकर मैसेज भेजेंगे?

एक बात तो तय है - वॉट्सऐप वाले इतनी आसानी से नहीं मानने वाले। वो लोगों की "वॉट्सऐपिया" आदत को ठीक करके ही मानेंगे!